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भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने विधानसभा चुनाव से खुद को किया अलग, अटकलों पर लगाई विराम की मुहर

Pawan Singh Politics

बिहार : भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और चर्चित गायक पवन सिंह ने बिहार की राजनीति को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। लंबे समय से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए उन्होंने साफ कर दिया है कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपने समर्थकों और भोजपुरी समाज को संदेश देते हुए कहा कि पार्टी में शामिल होने के पीछे चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं था।

पवन सिंह ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से अमित शाह के साथ एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा — “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और ना ही मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा।” इस बयान के साथ ही उन सभी कयासों पर विराम लग गया, जिनमें कहा जा रहा था कि पवन सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

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बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद तेज हुई थी चर्चा
कुछ समय पहले पवन सिंह ने विनोद तावड़े, ऋतुराज सिन्हा और उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में जाकर गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से भी भेंट की। इन मुलाकातों के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी थी कि पवन सिंह आरा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।हालांकि अब उनके खुद के बयान ने इस चर्चा को विराम दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि उनका मकसद केवल पार्टी के लिए काम करना है, न कि चुनाव लड़ना।

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भोजपुरी समाज को दिया स्पष्ट संदेश
पवन सिंह ने अपने पोस्ट के जरिए सीधे भोजपुरी समाज को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और एक सच्चे कार्यकर्ता के रूप में बीजेपी के लिए काम करते रहेंगे। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बीजेपी राज्य में चुनावी रणनीति को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां कर रही है। उनकी लोकप्रियता और भोजपुरी क्षेत्र में मजबूत पकड़ को देखते हुए माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें चुनावी चेहरा बना सकती है। लेकिन अब पवन सिंह ने चुनावी रेस से खुद को अलग कर दिया है।

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निजी विवादों के बीच आया राजनीतिक बयान
राजनीतिक बयान से इतर पवन सिंह पिछले कुछ महीनों से अपने निजी जीवन को लेकर भी सुर्खियों में हैं। उनकी पत्नी ज्योति सिंह के साथ कानूनी विवाद लगातार चर्चा में बना हुआ है। ज्योति सिंह ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सोशल मीडिया और न्यूज़ हेडलाइंस में यह मामला कई बार प्रमुखता से उभरा। ऐसे में माना जा रहा है कि पवन सिंह ने चुनावी राजनीति से दूरी बनाकर फिलहाल इन विवादों से खुद को अलग रखने और अपने करियर पर ध्यान देने का फैसला किया है।

भोजपुरी स्टार की लोकप्रियता चुनावी मैदान में बड़ा फैक्टर
बिहार में भोजपुरी कलाकारों की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। कई बार राजनीतिक दल ऐसे कलाकारों को चुनावी मैदान में उतारकर मतदाताओं को साधने की कोशिश करते हैं। पवन सिंह की लोकप्रियता भी इसी वजह से चर्चा में थी। आरा, बक्सर, छपरा और भोजपुर इलाके में उनका जबरदस्त जनाधार है।

हालांकि उनके बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।

बीजेपी के लिए स्टार प्रचारक बन सकते हैं पवन सिंह
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भले ही पवन सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन वे बीजेपी के लिए स्टार प्रचारक के रूप में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इससे पार्टी को भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में चुनावी बढ़त मिल सकती है।कई बार ऐसा देखा गया है कि सेलिब्रिटीज़ भले चुनाव न लड़ें, लेकिन प्रचार में उनका बड़ा असर दिखता है। बीजेपी के कई नेता पवन सिंह की लोकप्रियता को संगठनात्मक लाभ में बदलने की रणनीति बना सकते हैं।

पवन सिंह के चुनाव न लड़ने के ऐलान से बिहार की राजनीति में चल रही अटकलों को बड़ा झटका लगा है। एक तरफ जहां उनके समर्थक उन्हें चुनावी मैदान में देखना चाहते थे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे सिर्फ पार्टी के सिपाही बनकर काम करेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आगामी चुनाव में प्रचार और संगठनात्मक गतिविधियों में क्या भूमिका निभाते हैं।

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