पाकुड़ में स्टोन चिप्स लदा हाइवा घर पर पलटा, सो रहे व्यक्ति की मौत से भड़के ग्रामीणों ने सड़क किया जाम

Pakur accident

पाकुड़: झारखंड के पाकुड़ जिला में एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। पत्थर चिप्स से लदा एक हाइवा अनियंत्रित होकर एक घर पर पलट गया, जिससे घर के बाहर सो रहे एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर जमकर प्रदर्शन किया और प्रशासन से मुआवजा एवं सख्त कार्रवाई की मांग की।

Maa RamPyari Hospital

यह घटना हिरणपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत शहरग्राम-रानीपुर मार्ग स्थित बिंदाडीह की है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ओवरलोड स्टोन चिप्स से भरा हाइवा तेज रफ्तार में था और चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठा। इसके बाद हाइवा सड़क किनारे स्थित एक घर पर पलट गया। हादसे में 55 वर्षीय सकल बेसरा की मौत हो गई।

गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम किया, मुआवजे की मांग
हादसे की खबर फैलते ही आसपास के ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। गुस्से में आकर उन्होंने मुख्य सड़क को जाम कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि इलाके में आए दिन ओवरलोड हाइवा और ट्रक तेज रफ्तार से गुजरते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

whatsapp channel

Maa RamPyari Hospital

Telegram channel

ग्रामीणों ने प्रशासन के समक्ष मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने और हाइवा चालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। कई घंटे तक सड़क जाम के कारण शहरग्राम-रानीपुर मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप रहा और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर जाम हटवाया
घटना की जानकारी मिलते ही हिरणपुर थाना प्रभारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया और घटना की जांच का आश्वासन दिया।

Sarla Birla Happy Children Day

अधिकारियों ने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना व्यक्त की और बताया कि घटना में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

घनी आबादी में तेज रफ्तार हाइवा से लगातार खतरा
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। घनी आबादी वाले इलाके से ओवरलोड स्टोन चिप्स लदे हाइवा और ट्रक नियमित रूप से गुजरते हैं। कई बार इनकी रफ्तार निर्धारित मानक से कहीं अधिक होती है। ग्रामीण इलाके में अक्सर लोग घर के बाहर या सड़क किनारे खुले में आराम करते हैं, बच्चे खेलते हैं। ऐसे में दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है।

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार बाइक सवारों, ई-रिक्शा और ऑटो चालकों को भी इन भारी वाहनों की चपेट में आना पड़ा है। इसके बावजूद प्रशासन ने इस पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

नियमों की अनदेखी से बढ़ रहा खतरा
प्रशासनिक मानकों के अनुसार, बड़े और भारी वाहनों को दिन के समय घनी आबादी वाले इलाकों से गुजरने की अनुमति नहीं होती। इसके बावजूद हाइवा और ट्रक बेधड़क नियमों का उल्लंघन कर गांव के बीच से निकलते हैं। स्थानीय लोगों ने इस लापरवाही के लिए संबंधित विभाग और ट्रांसपोर्ट मालिकों को जिम्मेदार ठहराया है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया तो वे बड़े आंदोलन की राह अपनाएंगे।

प्रशासनिक जांच और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी
घटना के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही इलाके में भारी वाहनों की आवाजाही पर निगरानी बढ़ाने की बात कही गई है। थाना प्रभारी ने बताया कि हादसे में शामिल हाइवा को जब्त कर लिया गया है और चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।

पाकुड़ का यह हादसा बताता है कि ग्रामीण इलाकों में ओवरलोड हाइवा और ट्रकों की अनियंत्रित आवाजाही लोगों के जीवन के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। प्रशासन को अब केवल औपचारिक कार्रवाई के बजाय ठोस और स्थायी कदम उठाने होंगे ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *