रांची में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर कार्यक्रमों की तैयारी
MY Bharat के तहत पदयात्रा और विविध कार्यक्रम आयोजित, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने पत्रकारों से किया संवाद
रांची: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों और पदयात्रा को लेकर केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री श्री संजय सेठ ने रांची में स्थित केंद्रीय कार्यालय में पत्रकारों से संवाद किया। उन्होंने बताया कि युवा कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में MY Bharat द्वारा Sardar@150 समारोह का आयोजन रांची लोकसभा क्षेत्र में किया जा रहा है।
सरदार पटेल के योगदान को श्रद्धांजलि
संजय सेठ ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत की स्थापना के बाद देश की एकता, अखंडता और श्रेष्ठता बनाए रखने में जो योगदान दिया, वह अविस्मरणीय है। इस महान नेता के प्रति पूरे राष्ट्र की कृतज्ञता है। उनके योगदान को याद करते हुए उनकी 150वीं जयंती पर व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रमों की रूपरेखा
MY Bharat की पहल से आयोजित कार्यक्रमों में गांव की गलियों से लेकर महानगरों तक पदयात्रा, संगोष्ठी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और युवा नेतृत्व कार्यशालाएं शामिल हैं। इसका उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रभक्ति, एकता और आत्मनिर्भर भारत के मूल्य स्थापित करना है।
संजय सेठ ने कहा कि सरदार पटेल के संकल्प के अनुसार भारत की एकता और श्रेष्ठता को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में #ViksitBharat2047 के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
प्रमुख उपस्थित लोग
इस अवसर पर MY Bharat की राज्य निदेशक ललिता कुमारी, वरिष्ठ भाजपा नेता बालमुकुंद सहाय, प्रोफेसर ब्रजेश कुमार और गौरव अग्रवाल भी उपस्थित थे। सभी ने कार्यक्रम के महत्व और देश में युवाओं की भागीदारी पर जोर दिया।
उद्देश्य और महत्व
सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित ये कार्यक्रम न केवल उनके योगदान को याद करने का अवसर हैं, बल्कि युवाओं में देशभक्ति, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जिम्मेदारी के संदेश को फैलाने का भी माध्यम हैं। पदयात्रा और अन्य गतिविधियों के जरिए नागरिकों को एक भारत, श्रेष्ठ भारत, आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
इस समारोह के माध्यम से रांची और आसपास के क्षेत्रों में नागरिक, विद्यार्थी और युवा नेतृत्व का सशक्तिकरण होगा, जिससे सरदार पटेल की दूरदर्शिता और उनके आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जा सके।



