...

झारखंड में 8वीं, 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा अब JAC लेगा; 2027 से JCERT के नए पैटर्न पर होगी परीक्षा

Jharkhand Education

राज्य सरकार का बड़ा फैसला—2025-26 में ओएमआर आधारित परीक्षा JAC आयोजित करेगा, 31 मार्च 2026 से पहले आएंगे परिणाम; अगले वर्ष से JCERT संभालेगा जिम्मेदारी

रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों में इस वर्ष परीक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 8वीं, 9वीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) करेगा। इस बार परीक्षाएं पूरी तरह ओएमआर शीट पर ली जाएंगी और शिक्षा विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि परीक्षा परिणाम 31 मार्च 2026 से पहले जारी कर दिए जाएंगे। राज्य सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब परीक्षा संचालन को लेकर पिछले वर्षों में कई चुनौतियाँ सामने आई थीं।

इस निर्णय के साथ ही स्कूलों में परीक्षा प्रणाली को स्थिर और पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ओएमआर आधारित परीक्षा प्रणाली मूल्यांकन प्रक्रिया को तेज और त्रुटिरहित बनाने में मदद करेगी।

2027 से बदलेगा परीक्षा पैटर्न
बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले वर्षों में परीक्षा संचालन का ढांचा बदलेगा। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा 8वीं, 9वीं और 11वीं की परीक्षा JCERT यानी झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद आयोजित करेगा। JCERT वर्ष 2027 से एक पूरी तरह नए परीक्षा पैटर्न को लागू करेगा। यह नया मॉडल कॉन्सेप्ट आधारित मूल्यांकन पर आधारित होगा और विद्यार्थियों की समझ, विश्लेषण क्षमता और सीखने की क्षमता को मापने पर केंद्रित होगा।

whatsapp channel

Maa RamPyari Hospital

Telegram channel

इस बदलाव का उद्देश्य राज्य की परीक्षा प्रणाली को अधिक आधुनिक, समान और समयबद्ध बनाना है, जिससे पूरे राज्य में एक ही मानक पर परीक्षाएं कराई जा सकें।

The-habitat-final-ad-scaled.jpg
the-habitat-ad

बैठक में क्या हुआ?
सोमवार को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें JAC द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र में परीक्षा संचालन की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में JAC अध्यक्ष डॉ. नटवा हांसदा, विधायक-सदस्य मथुरा महतो, नागेंद्र महती, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह और माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद भी उपस्थित थे।

JAC अध्यक्ष ने बताया कि परीक्षा संबंधी सभी तैयारियाँ समय पर पूरी कर ली गई हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नए पैटर्न को लागू करने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध नहीं है। 2018 में जारी निर्देशों के अनुसार वर्तमान स्थिति में केवल ओएमआर आधारित परीक्षा ही आयोजित की जा सकती है। इसी आधार पर इस वर्ष परीक्षा संचालन का अधिकार JAC को दिया गया है।

पिछले वर्ष क्यों बिगड़ी थी परीक्षा व्यवस्था?
पिछला साल परीक्षा संचालन के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। कक्षा 8वीं, 9वीं और 11वीं की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकीं और मैट्रिक तथा इंटर की प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी समय पर नहीं हो पाईं। इस अव्यवस्था के बाद शिक्षा विभाग ने इस वर्ष विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम तैयार किया जिसमें अर्द्धवार्षिक, वार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षाएं शामिल थीं। लेकिन JAC ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई और कहा कि परीक्षा आयोजन वह पहले से करता रहा है, इसलिए जिम्मेदारी फिलहाल उसी के पास रहनी चाहिए।

इस आपत्ति के बाद विभागीय प्रस्ताव पर निर्णय रोक दिया गया। बाद में शिक्षा विभाग ने JAC से परीक्षा संबंधी विस्तृत कार्ययोजना माँगी। JAC ने दो अलग-अलग सुझाव दिए—एक, वर्ष को दो टर्म में बांटकर परीक्षा आयोजित करने का और दूसरा, पूरी तरह नया परीक्षा पैटर्न लागू करने का। इन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकला कि इस वर्ष परीक्षा उसी पुराने प्रारूप पर आयोजित की जाएगी, जबकि आगे की योजना नए ढांचे की ओर बढ़ाई जाएगी।

विद्यार्थियों पर क्या असर पड़ेगा?
सरकार के इस फैसले का असर राज्य के लाखों विद्यार्थियों पर पड़ेगा। ओएमआर आधारित परीक्षा प्रणाली छात्रों के लिए अधिक पारदर्शी और समान परीक्षा माहौल तैयार करेगी। परिणाम तेजी से जारी होंगे जिससे शैक्षणिक सत्र समय पर पूरा हो सकेगा। वहीं JCERT द्वारा 2027 से लागू किया जाने वाला नया पैटर्न छात्रों को केवल रटने के बजाय समझ आधारित अध्ययन के लिए प्रेरित करेगा।

यह बदलाव राज्य की शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

शिक्षा विभाग की बड़ी पहल
शिक्षा विभाग की ओर से यह पहल परीक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। पिछले वर्ष की अव्यवस्था के बाद इस वर्ष स्पष्ट समयसीमा और एजेंसियों की परिभाषित भूमिका से परीक्षा संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी यह निर्णय राहत की खबर है क्योंकि अब परीक्षा कार्यक्रम अधिक निश्चित और व्यवस्थित दिखाई दे रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *