...

IAS विनय चौबे पर ACB का शिकंजा कसता गया, अब साली प्रियंका त्रिवेदी से पूछताछ

ACB Investigation

अवैध संपत्ति की जांच परिवार तक पहुँची

रांची: झारखंड में निलंबित आईएएस विनय चौबे के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जन से जुड़े मामले की जांच लगातार गहराई पकड़ती जा रही है। पहले से ही शराब और जमीन घोटाले मामलों में जेल में बंद विनय चौबे अब आय से अधिक संपत्ति के एक और गंभीर प्रकरण में फंसे हैं। इस मामले में एसीबी ने कार्रवाई और तेज कर दी है। 4 दिसंबर को एसीबी उनकी साली प्रियंका त्रिवेदी से पूछताछ कर रही है, जबकि इसी से एक दिन पहले 3 दिसंबर को उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता से भी लंबे समय तक पूछताछ की गई।

प्राथमिकी से खुली नई परतें: परिवार और करीबी सहयोगी जांच के घेरे में
24 नवंबर को ACB ने एक विस्तृत प्राथमिकी दर्ज करते हुए विनय चौबे सहित सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था। इस प्राथमिकी ने पूरे मामले की दिशा बदल दी, क्योंकि इसमें केवल आईएएस अधिकारी ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी, साले-साली, ससुर और उनके सबसे विश्वसनीय मित्र विनय सिंह और उनकी पत्नी तक को आरोपी बनाया गया।

जांच एजेंसी का मानना है कि चौबे ने वर्षों तक भ्रष्टाचार से प्राप्त धन को कई खातों और फर्जी संस्थाओं के माध्यम से घुमाकर परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम पर निवेश किया। यह भी आरोप है कि इस अवैध संपत्ति के निर्माण में सहयोगी विनय सिंह की केंद्रीय भूमिका रही, जो लंबे समय से चौबे के आर्थिक कार्यों का ‘मुख्य प्रबंधक’ माना जाता था।

whatsapp channel

Maa RamPyari Hospital

Telegram channel

पत्नी स्वप्ना संचिता से पूछताछ के बाद अब ACB की नज़र प्रियंका त्रिवेदी पर
3 दिसंबर को एसीबी ने रांची में चौबे के आवास पहुंचकर उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता से कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर पूछताछ की। उनसे संपत्तियों के स्रोत, बैंक खातों, लेनदेन और परिवार के आर्थिक निर्णयों में उनकी भूमिका पर सवाल पूछे गए।

The-habitat-final-ad-scaled.jpg
the-habitat-ad

स्वप्ना संचिता से मिली जानकारी और दस्तावेजों के आधार पर अब एसीबी ने चौबे की साली प्रियंका त्रिवेदी को तलब किया है। प्रियंका से पूछताछ में यह स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है कि क्या उनके खातों का उपयोग भी अवैध धन को छुपाने या घुमाने के लिए किया गया था। जांच से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, प्रियंका से पूछे जाने वाले सवालों में यह जानना प्रमुख होगा कि क्या वे किसी निवेश, संपत्ति खरीद या वित्तीय लेनदेन का हिस्सा थीं और क्या विनय चौबे या उनके मित्र विनय सिंह ने उनके नाम का इस्तेमाल किया।

अवैध संपत्ति का बड़ा जाल: फर्जी कंपनियों, बेनामी खातों और पारिवारिक नेटवर्क की भूमिका बढ़ी
जांच में यह भी सामने आ रहा है कि अवैध संपत्ति की खरीद और प्रबंधन में केवल एक-दो लोग नहीं, बल्कि पूरा नेटवर्क शामिल था। कई संदिग्ध ट्रांजैक्शन ऐसे मिले हैं जहाँ पैसा छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर विभिन्न खातों में भेजा गया। यह रकम बाद में जमीन, मकान और व्यावसायिक संपत्तियों में निवेश की गई।

इनमें से कई संपत्तियां कथित तौर पर विनय चौबे के सीधे नियंत्रण में थीं, लेकिन नाम किसी और का था—कभी मित्र का, तो कभी रिश्तेदार का। एसीबी यह भी जांच कर रही है कि इन संपत्तियों का वास्तविक मालिक कौन है और इनमें से कितनी संपत्तियाँ सरकारी आय से अधिक हैं। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि चौबे के कथित सहयोगी विनय सिंह भी पहले से ही विवादास्पद मामलों में जेल में बंद हैं, और उनके साथ मिलकर कई वित्तीय गतिविधियाँ चलाई गईं। इससे जांच और भी पेचीदा हो गई है।

जेल में बंद आईएएस पर तीसरी बड़ी कार्रवाई, जांच और तेज हो सकती है
IAS विनय चौबे इस समय दो बड़े मामलों—शराब घोटाला और जमीन घोटाला—में पहले ही जेल में बंद हैं। इन मामलों में भी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं। अब यह तीसरा मामला उनके लिए स्थिति और विकट बना रहा है, क्योंकि इसमें पूरे पारिवारिक ढांचे को जांच के दायरे में लाया गया है।

यह भी स्पष्ट हो रहा है कि एसीबी केवल सतही जांच नहीं कर रही, बल्कि मनी ट्रेल के हर पहलू को गहराई से खंगाल रही है। परिवार और रिश्तेदारों से लगातार पूछताछ इसी व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अवैध संपत्ति के पूरे नेटवर्क को उजागर करना है।

नई पूछताछ से खुल सकते हैं बड़े खुलासे, ACB की कार्रवाई आगे और सख्त होने के संकेत
प्रियंका त्रिवेदी से होने वाली पूछताछ इस जांच का एक और महत्वपूर्ण चरण साबित हो सकती है। इससे न केवल परिवार की भूमिका और स्पष्ट होगी, बल्कि यह भी पता चलेगा कि अवैध संपत्ति के निर्माण में किसकी क्या जिम्मेदारी थी। जैसे-जैसे ACB आगे बढ़ रही है, यह मामला झारखंड की प्रशासनिक व्यवस्था में वर्षों से छिपे भ्रष्टाचार के गहरे नेटवर्क को सामने लाता जा रहा है। आने वाले दिनों में कई और चौंकाने वाले खुलासे और संभावित गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *