रनिया थाना प्रभारी पर जानलेवा हमला, दो नामजद समेत 50 लोगों पर एफआईआर दर्ज
लोहागढ़ा में डाईर मेले के दौरान दो गुटों के झगड़े को शांत कराने पहुंचे थाना प्रभारी और पुलिस बल पर भीड़ ने किया हमला, सीओ-बीडीओ ने दर्ज कराई शिकायत
खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले के रनिया थाना क्षेत्र में आयोजित डाईर मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने पहुंचे थाना प्रभारी विकास कुमार जायसवाल और पुलिस बल पर भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया है।
घटना रनिया थाना क्षेत्र के लोहागढ़ा में रविवार शाम की बताई जा रही है। पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए रनिया थाना में दो नामजद व्यक्तियों सहित 40 से 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला कांड संख्या 33/2025 के तहत दर्ज किया गया है।
मेले में झगड़ा शांत कराने पहुंचे थे थाना प्रभारी
सीओ सह बीडीओ प्रशांत डांग द्वारा दर्ज कराई गई लिखित शिकायत के अनुसार, वह और थाना प्रभारी विकास कुमार जायसवाल, अमरजीत सिंकू तथा सशस्त्र बल के जवान लोहागढ़ा में चल रहे डाईर मेले में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात थे।
शिकायत में कहा गया है कि लगभग साढ़े तीन बजे उन्हें सूचना मिली कि दारू भट्टी के पास दो गुटों में झगड़ा हो रहा है। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी विकास जायसवाल अपने सशस्त्र बल के साथ मौके पर पहुंचे। वहां कुछ लोग शराब पीने और बेचने को लेकर झगड़ा कर रहे थे।
समझाने पर भीड़ ने किया हमला
थाना प्रभारी ने जब लोगों को झगड़ा बंद करने और शराब बेचने से मना करने की कोशिश की, तो मौके पर मौजूद उपद्रवियों ने एकजुट होकर पुलिस पर हमला बोल दिया। देखते ही देखते 40 से 50 लोग, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों को घेरकर गाली-गलौज और मारपीट करने लगे। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और कुछ देर के लिए विधि-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई। भीड़ ने न केवल थाना प्रभारी के साथ धक्का-मुक्की की बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी।
मेला समिति की लापरवाही उजागर
शिकायत में यह भी कहा गया है कि मेले के अध्यक्ष शिव अवतार सिंह और सचिव मनोज कांशी को पहले ही स्वयंसेवक तैनात करने का निर्देश दिया गया था, ताकि भीड़ नियंत्रण और व्यवस्था बनी रहे। लेकिन दोनों पदाधिकारियों ने कोई भी स्वयंसेवक नहीं तैनात किया, जिसके कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई। प्रशासन का कहना है कि अगर मेला प्रबंधन समिति समय पर निर्देशों का पालन करती, तो यह घटना नहीं होती। इस लापरवाही की जांच भी शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी
रनिया पुलिस ने इस पूरे मामले में दो नामजद आरोपियों के साथ-साथ कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। फिलहाल पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है और इलाके में छापेमारी की जा रही है। थाना प्रभारी पर हमला करने वालों की पहचान के लिए स्थानीय लोगों और मेला आयोजकों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल वीडियो भी खंगाले जा रहे हैं।
शासन ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
इस घटना के बाद खूंटी जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। एसपी ने कहा कि पुलिस पर हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की है, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि भविष्य में किसी भी मेले या सार्वजनिक कार्यक्रम में स्थानीय समिति और पुलिस के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
स्थानीय लोगों में दहशत, प्रशासन सतर्क
घटना के बाद लोहागढ़ा और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। हालांकि, पुलिस की अतिरिक्त तैनाती कर दी गई है और स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से डाईर मेला में शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री होती रही है, जिससे हर साल झगड़े की स्थिति बनती है। लोगों ने प्रशासन से मेले की निगरानी सख्त करने की मांग की है।
रनिया थाना प्रभारी पर हुआ यह हमला न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती को सामने लाता है, बल्कि प्रशासन और मेला आयोजकों के बीच समन्वय की कमी को भी उजागर करता है। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुटी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सभी आरोपी गिरफ्तार किए जाएंगे।



