झारखंड विधानसभा सत्र के दौरान 750 मीटर तक निषेधाज्ञा लागू, 5 से 11 दिसंबर तक कड़ी सुरक्षा
रांची जिला प्रशासन का आदेश—प्रदर्शन, रैली, जुलूस, हथियार और लाउडस्पीकर पर पाबंदी
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए धारा 144 प्रभावी
रांची : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को देखते हुए रांची जिला प्रशासन ने कड़े सुरक्षा उपाय लागू कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने विधानसभा के नए भवन के 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश 5 दिसंबर सुबह 8 बजे से 11 दिसंबर रात 10 बजे तक प्रभावी रहेगा।
इस दायरे में झारखंड हाईकोर्ट को विशेष रूप से बाहर रखा गया है, ताकि न्यायिक कार्यवाही पर किसी प्रकार का असर न पड़े। प्रशासन का कहना है कि सत्र के दौरान भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
क्यों लागू की गई निषेधाज्ञा?
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान प्रदेश के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म रहने की संभावना है। कई संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा भी इस अवधि में प्रदर्शन, रैली या मार्च की संभावना जताई जा रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पहले ही सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया है।
प्रशासन ने कहा कि विधानसभा के आसपास भीड़ बढ़ने, विरोध प्रदर्शनों या संभावित अप्रिय घटनाओं की आशंका को देखते हुए यह प्रतिबंध जरूरी है। सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त रिपोर्ट के बाद निषेधाज्ञा लागू करने का निर्णय लिया गया।
किन गतिविधियों पर रहेगी पाबंदी?
प्रशासन द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की भीड़ या आक्रामक गतिविधि को विधानसभा तक पहुंचने नहीं दिया जाएगा।
भीड़ पर प्रतिबंध
एक जगह 5 या उससे अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे। यह नियम सरकारी कार्य और शवयात्रा को छोड़कर सभी पर लागू होगा। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की भीड़ को नियंत्रित रखना है, ताकि विधानसभा परिसर की सुरक्षा में बाधा न आए।
हथियार रखने पर पूरी तरह रोक
बंदूक, राइफल, रिवॉल्वर, पिस्तौल, बम, बारूद सहित किसी भी घातक हथियार को लेकर चलना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
लाठी, डंडा, भाला, गड़ासा, तीर-धनुष जैसे पारंपरिक हथियार भी निषेधाज्ञा के चलते प्रतिबंधित रहेंगे। यह नियम सरकारी कार्य में लगे सुरक्षा बलों और अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।
धरना और प्रदर्शन पर रोक
विधानसभा भवन के 750 मीटर के दायरे में धरना, प्रदर्शन, रैली, जुलूस या सार्वजनिक सभा का आयोजन पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी संगठन या समूह को इस क्षेत्र में अराजक स्थिति पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
लाउडस्पीकर पर भी नियंत्रण
इस अवधि में ध्वनि विस्तारक यंत्र या लाउडस्पीकर का उपयोग भी प्रतिबंधित रहेगा, सिवाय सरकारी कार्यों के। यह निर्णय सुरक्षा कारणों के साथ साथ विधानसभा कार्यवाही में किसी भी प्रकार के व्यवधान को रोकने के लिए लिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी और व्यवस्थाओं की समीक्षा
निषेधाज्ञा लागू होने के साथ ही विधानसभा परिसर और उसके आसपास की निगरानी बढ़ा दी गई है। सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है और समय-समय पर क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जाएगी। पुलिस कंट्रोल रूम से विशेष टीमों को तैनात किया गया है, जो किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन सर्विलांस, सीसीटीवी मॉनिटरिंग और पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। विधानसभा पहुंच मार्ग पर बैरिकेडिंग और अतिरिक्त जांच चौकियां भी बनाई जाएंगी।
निषेधाज्ञा के दौरान क्या खुले रहेंगे?
हालांकि धारा 144 लागू है, लेकिन आम जनता के दैनिक कार्यों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्षेत्र में मौजूद कार्यालय, दुकानें और आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहेंगी। सिर्फ सार्वजनिक भीड़, हथियार और विरोध प्रदर्शनों से संबंधित गतिविधियों पर रोक रहेगी। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि आदेश का पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
11 दिसंबर तक सुरक्षा व्यवस्था रहेगी उच्च स्तर पर
शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद ही निषेधाज्ञा हटाई जाएगी। 11 दिसंबर रात 10 बजे के बाद आदेश स्वतः समाप्त हो जाएगा, हालांकि प्रशासन जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ा भी सकता है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और विधानसभा के आसपास का इलाका हाई-अलर्ट पर है।



