रामगढ़ में मजदूर यूनियन ने किया सम्मान समारोह का आयोजन, राघवन रघुनंदन और चंदेश्वर सिंह को दी गई नई जिम्मेदारी
रामगढ़ में मजदूर यूनियन का भव्य सम्मान समारोह
फेडरेशन में जगह मिलने पर राघवन रघुनंदन और चंदेश्वर सिंह का स्वागत, बोले यूनियन नेता—मजदूर आंदोलन को मिलेगा नया बल
रामगढ़ से मुकेश सिंह : रामगढ़ जिले के कोलफील्ड मजदूर यूनियन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में उस वक्त उत्साह चरम पर पहुंच गया जब हिंद खदान मजदूर फेडरेशन के सहायक महामंत्री राघवन रघुनंदन और कोलफील्ड मजदूर यूनियन के चंदेश्वर सिंह को फेडरेशन कार्य समिति सदस्य बनाए जाने पर भव्य अभिनंदन किया गया। यह आयोजन मजदूर एकजुटता और संघर्ष की भावना को नई दिशा देने वाला साबित हुआ।
इस कार्यक्रम में धनबाद, बोकारो, रांची, हजारीबाग और रामगढ़ से यूनियन के सैकड़ों पदाधिकारी शामिल हुए और दोनों सम्मानित नेताओं का जोरदार स्वागत किया। आयोजन स्थल पर मजदूरों और यूनियन प्रतिनिधियों का जोश देखने लायक था।
“राष्ट्रीय स्तर पर मजदूरों की आवाज बनेंगे ये दोनों प्रतिनिधि”
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक रंजीत पांडे ने कहा कि—
“राघवन रघुनंदन और चंदेश्वर सिंह जैसे समर्पित नेताओं को फेडरेशन में जगह मिलने से अब राष्ट्रीय मंच पर मजदूरों की समस्याओं की निगरानी अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगी।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों पदाधिकारी लगातार मजदूर हित में संघर्ष करते आए हैं और इनके जुड़ने से यूनियन की ताकत कई गुना बढ़ेगी।उनकी नियुक्ति को हर जिले के यूनियन प्रतिनिधियों ने मजदूर आंदोलन के लिए एक मजबूत कदम करार दिया।
“राजनीति से परे मजदूरों की सच्ची आवाज है हिंद मजदूर सभा”
सम्मेलन के दौरान वक्ताओं ने हिंद मजदूर सभा की विशेषताओं पर जोर देते हुए कहा कि यह एकमात्र ट्रेड यूनियन है जो किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं है। इसका उद्देश्य केवल मजदूरों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ना है।
एक वक्ता ने कहा—
“1948 में स्थापित हिंद मजदूर सभा की बुनियाद ही इस सोच पर टिकी है कि राजनीति से अलग रहकर मजदूरों का वास्तविक भला किया जा सकता है।”
सभी ने एक स्वर में कहा कि राजनीतिक प्रभाव से मुक्त यूनियन ही मजदूरों की वास्तविक समस्याओं को आगे ले जा सकती है।
मजदूरों की मांगों को मिलेगा नई ऊर्जा
सम्मेलन में उपस्थित कई वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि आने वाले दिनों में मजदूरों के लेबर राइट्स, न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन और काम की सुरक्षा जैसे मुद्दों को केंद्र में लाकर आंदोलन चलाया जाएगा। हिंद मजदूर सभा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत कर हर कोलफील्ड में संवाद अभियान चलाने की योजना है।

चंदेश्वर सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा—
“हमें पद नहीं, जिम्मेदारी मिली है। अब हमारी प्राथमिकता होगी कि यूनियन के प्रत्येक सदस्य की बात फेडरेशन तक और वहां से सरकार तक पहुंचे।”
वहीं, राघवन रघुनंदन ने भी भावुक होते हुए कहा—
“यह सम्मान केवल मेरा नहीं, हर उस मजदूर का है जो सालों से अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहा है।”
यह सम्मान समारोह मजदूरों की एकता, प्रतिबद्धता और नेतृत्व की पहचान का उत्सव था। राघवन रघुनंदन और चंदेश्वर सिंह जैसे जमीनी नेताओं की नियुक्ति से मजदूर आंदोलन को निश्चित रूप से नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी। हिंद मजदूर सभा जैसे संगठन की प्रासंगिकता इस बात से साबित होती है कि वे बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के मजदूरों की बात, मजदूरों के मंच से कहने का साहस रखते हैं।


