झारखंड की मतदाता सूची से 12 लाख नाम हटेंगे, CEO के रवि कुमार ने दिया बड़ा अपडेट
SIR प्रक्रिया शुरू होते ही बड़ा खुलासा—दूसरे राज्यों में गए, मृत और डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाने का निर्णय; पैतृक मैपिंग और BLO प्रशिक्षण पर विशेष जोर
रांची: झारखंड में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू होते ही राज्य निर्वाचन कार्यालय से एक अहम सूचना सामने आई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के रवि कुमार ने घोषणा की है कि वर्तमान मतदाता सूची से 12 लाख मतदाताओं को हटाने का निर्णय लिया गया है। इनमें वे लोग शामिल हैं जो किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित हो गए हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है या जो एक से अधिक स्थानों पर वोटर के रूप में चिन्हित हैं। यह बड़ा कदम राज्य में मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन करने की दिशा में उठाया गया है, ताकि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अधिक पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में सामने आए अहम आंकड़े और मैपिंग की प्रगति
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने यह जानकारी मंगलवार को निर्वाचन सदन में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान साझा की। बैठक में विधानसभा क्षेत्र के सभी इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स (EROs) और उप निर्वाचन पदाधिकारी शामिल थे।
सीईओ ने बताया कि पिछले SIR की सूची से वर्तमान मतदाताओं की 1 करोड़ 61 लाख 55 हजार 740 मतदाताओं की मैपिंग पूरी की जा चुकी है। यह मैपिंग यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि वर्तमान सूची में केवल वैध और सक्रिय मतदाता ही शामिल रहें। उन्होंने कहा कि अन्य मैपिंग कार्य अभी भी जारी हैं और जिला स्तर पर डेटा सत्यापन का कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि उन मतदाताओं की पैतृक मैपिंग अवश्य की जाए जो अब अन्य राज्यों में रह रहे हैं। इसके लिए संबंधित राज्यों की सीईओ वेबसाइटों तथा भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के उपयोग की सलाह दी गई है। सीईओ ने कहा कि पैतृक मैपिंग को जल्द पूरा करने से SIR के दौरान मतदाताओं को कम दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जिससे पूरी प्रक्रिया सरल और सहज होगी।
बीएलओ की भूमिका पर जोर, कमजोर प्रदर्शन वालों की होगी ट्रेनिंग
बैठक में सीईओ ने ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (BLOs) की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि SIR के दौरान कोई भी योग्य मतदाता छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने कम प्रदर्शन करने वाले BLOs की समीक्षा करने और उन्हें बैचवार प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है।
सीईओ के अनुसार, BLOs चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण की जांच करते हैं, मृतक या स्थानांतरित मतदाताओं के रिकॉर्ड को अपडेट करते हैं और नए मतदाताओं का पंजीकरण सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि BLOs को यदि किसी मतदाता का विवरण मतदाता सूची में खोजने में कठिनाई आ रही है, तो वे जिला मुख्यालय में स्थापित हेल्प डेस्क मैनेजर से संपर्क कर सहायता ले सकते हैं।
उन्होंने यह भी जोर दिया कि BLOs की समस्याओं को गंभीरता से लेकर उनका तुरंत समाधान किया जाए, ताकि वे बिना किसी बाधा के SIR प्रक्रिया को पूरा कर सकें।
मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने का प्रयास
मतदाता सूची की शुद्धता हर चुनावी व्यवस्था का आधार होती है। झारखंड में पिछले कुछ वर्षों से कई निर्वाचन क्षेत्रों में डुप्लीकेट वोटरों, मृत मतदाताओं के नाम बने रहने और स्थानांतरित मतदाताओं के रिकॉर्ड अपडेट न होने जैसी समस्याओं की शिकायतें आ रही थीं। इस बार के SIR में इन सभी अनियमितताओं को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन आयोग का उद्देश्य एक ऐसी मतदाता सूची तैयार करना है जो त्रुटिरहित, अद्यतन और पारदर्शी हो। उन्होंने कहा कि 12 लाख मतदाताओं को हटाने का निर्णय एक मजबूत डेटा सत्यापन के आधार पर लिया गया है, जिसमें अलग-अलग जिलों से प्राप्त आंकड़ों को मिलाकर एक विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
आगे की प्रक्रिया और क्या होगा इसका प्रभाव
मतदाता सूची से डुप्लीकेट और गैर-मौजूद मतदाताओं को हटाने से न केवल चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी, बल्कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र की वास्तविक जनसंख्या और मतदान शक्ति की सटीक तस्वीर मिलेगी। यह कदम उन निर्वाचन क्षेत्रों में विशेष असर डालेगा, जहां बड़ी संख्या में लोग राज्य से बाहर काम करने या बसने चले जाते हैं।
CEO ने कहा कि आगामी महीनों में मैपिंग कार्य पूरा होते ही संशोधित मतदाता सूची सार्वजनिक की जाएगी। साथ ही, नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए भी अभियान चलाया जाएगा ताकि राज्य के हर योग्य नागरिक का नाम सूची में शामिल हो सके।



