जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में बारिश-बाढ़ से हाहाकार, 31 श्रद्धालुओं की मौत, कई पुल बह गए
कटरा से कुल्लू-मनाली तक बारिश और भूस्खलन का तांडव
वैष्णो देवी यात्रा रोकी गई, कई जिलों में संचार ठप
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हैं। मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने हालात को बेहद गंभीर बना दिया है। कहीं पहाड़ टूटकर गिर रहे हैं, कहीं नदी-नाले उफान पर हैं, तो कहीं पुल और मकान पानी में समा रहे हैं।
कटरा में बड़ा हादसा – 31 श्रद्धालुओं की मौत
कटरा स्थित वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर बुधवार को हुए भूस्खलन ने सबसे बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। मलबे में दबकर 31 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 23 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद यात्रा रोक दी गई और एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव में जुट गईं। प्रशासन का मानना है कि मलबे में और लोग दबे हो सकते हैं।

डोडा और किश्तवाड़ में बादल फटा, पुल बह गए
जम्मू के डोडा जिले में बादल फटने से आई बाढ़ ने 10 से अधिक मकान बहा दिए। कई लोग लापता हैं। डोडा के भद्रवाह क्षेत्र में गुप्त गंगा मंदिर तक पानी पहुंच गया। पुजारी और ग्रामीणों को मुश्किल से बचाया जा सका। किश्तवाड़ में भी बादल फटने से भीषण सैलाब आया और द्रबशल्ला-कुंतवाड़ा को जोड़ने वाला बड़ा पुल बह गया।
जम्मू में तवी नदी का पुल टूटा, गाड़ियां समाई पानी में
जम्मू में तवी नदी पर बने पुल का एक हिस्सा बह गया। उस वक्त पुल पर मौजूद तीन गाड़ियां पानी में बह गईं। गनीमत रही कि लोगों ने सतर्कता दिखाई और कई जिंदगियां बच गईं।
उधमपुर-जम्मू हाईवे पर खतरा
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर भी बारिश का कहर टूटा। सड़क किनारे खड़ा विशाल पेड़ अचानक चलती कार पर गिर गया। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई, लेकिन यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
कुल्लू-मनाली में सैलानियों की मुश्किलें
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली में पर्यटन पूरी तरह ठप हो गया है। भारी बारिश और भूस्खलन से कई सड़कें टूट गई हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं। होटलों और घरों में पानी घुस गया है। ब्यास नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे कई गांव खाली कराए जा रहे हैं।

जम्मू संभाग के सभी जिले प्रभावित
जम्मू संभाग के 10 जिलों में हालात बेहद खराब हैं। पुल टूटने से सड़क संपर्क कट गया है। बिजली के खंभे और मोबाइल टावर गिरने से संचार व्यवस्था लगभग ठप हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा –
“जम्मू में संचार व्यवस्था लगभग ठप है। जियो नेटवर्क पर बमुश्किल टेक्स्ट जा रहे हैं। 2014 और 2019 के बाद पहली बार इतना डिस्कनेक्ट महसूस हो रहा है।”

राहत और बचाव जारी
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और घरों में सुरक्षित रहें।
कुल मिलाकर, कटरा से लेकर कुल्लू-मनाली तक बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं श्रद्धालु यात्रा के दौरान काल के गाल में समा गए, कहीं मकान और पुल बह गए, तो कहीं सैलानी फंस गए। फिलहाल कुदरत के इस कहर से निपटने के लिए राहत और बचाव का बड़ा अभियान जारी है।


