जमशेदपुर में सीबीआई का बड़ा एक्शन: CGST के अपर आयुक्त के सरकारी आवास से मिलीं सोने की छड़ें, 800 करोड़ का फर्जी निर्यात घोटाला उजागर

जमशेदपुर/पटना | 22 जून 2025: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को लगभग 800 करोड़ रुपये के फर्जी निर्यात घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जमशेदपुर समेत बिहार-झारखंड के सात स्थानों पर एक साथ छापेमारी अभियान चलाया। यह घोटाला केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग से जुड़ा हुआ है, जिसमें अपर आयुक्त रणविजय कुमार की संलिप्तता उजागर हुई है।

जमशेदपुर में चार घंटे तक चली छापेमारी
शनिवार की सुबह करीब 8:00 बजे सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) की टीम ने रणविजय कुमार के नार्दर्न टाउन (स्ट्रेट माइल रोड), जमशेदपुर स्थित सरकारी आवास पर छापेमारी की।
करीब चार घंटे तक चली तलाशी में टीम ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और संदिग्ध सामग्रियों को जब्त किया।
इस दौरान 100-100 ग्राम की सात सोने की छड़ें भी बरामद हुईं, जिनका स्रोत संदिग्ध बताया गया है।
29 के खिलाफ केस, पटना, पूर्णिया और मुंगेर में भी दबिश
सीबीआई ने इस घोटाले के सिलसिले में पूर्व सीमा शुल्क अतिरिक्त आयुक्त रणविजय कुमार समेत चार सीमा शुल्क अधिकारियों और कुल 29 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
इसके बाद सीबीआई ने एक साथ पटना में दो, पूर्णिया में दो, नालंदा और मुंगेर में एक-एक स्थानों पर छापेमारी की।
इन स्थानों से भी बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन और डिजिटल डेटा जब्त किए गए हैं।


क्या है मामला? कैसे हुआ 800 करोड़ का घोटाला?
सीबीआई के अनुसार, आरोपियों ने नकली निर्यात बिल, जाली GST रजिस्ट्रेशन और फर्जी दस्तावेजों के जरिए निर्यात रिफंड के रूप में सरकारी खजाने से अरबों की अवैध वसूली की।
इस प्रक्रिया में CGST और सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।
बिना वस्तु का निर्यात किए, कागजों पर दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट और ड्रॉबैक रिफंड का भारी फर्जीवाड़ा किया गया।
रणविजय कुमार का ट्रैक रिकॉर्ड सवालों के घेरे में
रणविजय कुमार, जो पहले पटना में सीमा शुल्क के अतिरिक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे, फिलहाल जमशेदपुर में पदस्थापित हैं।
उन पर विभागीय प्रक्रियाओं की अनदेखी कर फर्जीवाड़े को अनुमति देने, मदद करने और रोकने में विफल रहने के गंभीर आरोप हैं।
सीबीआई सूत्रों के हवाले से क्या सामने आया?
घोटाले में प्रयुक्त कंप्यूटर डेटा, बैंक ट्रांजेक्शन रेकॉर्ड्स और फर्जी कंपनियों की सूची जब्त की गई है।
कई बेनामी खातों और शेल कंपनियों का संचालन बिहार व झारखंड के सीमावर्ती जिलों से हुआ।
अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, जांच जारी है।
Munadi Live विशेष टिप्पणी:
“यह मामला केवल राजस्व चोरी का नहीं, बल्कि सरकारी पदों के दुरुपयोग, फर्जी दस्तावेजों और संगठित आर्थिक अपराध का बड़ा उदाहरण है। CBI की यह कार्रवाई आने वाले समय में उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार के खिलाफ चेतावनी साबित हो सकती है।”