गुमला में बैंक फ्रॉड का पर्दाफाश, मणिपुर से साइबर ठग गिरफ्तार
गुमला पुलिस ने विशेष टीम बनाकर इंफाल से पकड़ा आरोपी, ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया झारखंड
गुमला: झारखंड के गुमला में एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। 8.45 लाख रुपये की ठगी के इस मामले में गुमला पुलिस ने मणिपुर से एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर गुमला लाया गया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित विशेष टीम द्वारा की गई।
शिकायत पर शुरू हुई कार्रवाई
एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने प्रेस वार्ता में बताया कि गुमला के अंबेडकर नगर निवासी अमरूदिन खान ने अपने बैंक खाते से 8.45 लाख रुपये गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर गुमला थाना में कांड संख्या 303/2025, धारा 310(2)/318(4) बीएनएस और 66(C)/66(D) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
जांच में पता चला कि यह राशि HDFC Bank गुमला शाखा के दो खातों से UCO Bank इंफाल के लालालोन ब्रांच (खाता संख्या 29970110126219) में ट्रांसफर की गई थी।
इंफाल से पकड़ा गया आरोपी
मामले की गंभीरता को देखते हुए गुमला एसपी के आदेश पर विशेष छापेमारी टीम गठित की गई, जिसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, थाना प्रभारी, पुलिस निरीक्षक और सशस्त्र बल शामिल थे।
टीम ने मणिपुर के इंफाल जाकर बैंक खाताधारक लुकराम दिनेश मेतई को गिरफ्तार किया। वह इंफाल जिला के खरासोन गाला लेकई का निवासी है। उसने 11 सितंबर 2025 को अपने सेल्फ चेक के जरिए पूरे 8 लाख रुपये की निकासी की थी। पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
मोबाइल, एटीएम और पासबुक बरामद
गुमला पुलिस ने 9 अक्टूबर 2025 को लुकराम दिनेश मेतई को विधिवत गिरफ्तार कर इंफाल के न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड पर गुमला थाना लाया। उसके पास से दो मोबाइल फोन, एक बाइक, चेकबुक, तीन एटीएम कार्ड, विभिन्न बैंकों के पासबुक, नगद 245 रुपये सहित कई अन्य सामान जब्त किए गए।
साइबर अपराध पर पुलिस की सख्ती
एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने कहा कि जिले में साइबर अपराध के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जा रही है। आम नागरिकों को भी जागरूक रहने की सलाह दी गई है ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके। गुमला पुलिस साइबर ठगों के खिलाफ अभियान चला रही है और जल्द ही अन्य साथियों की भी गिरफ्तारी की संभावना है।
गुमला पुलिस की इस कार्रवाई से साइबर अपराधियों के खिलाफ एक सख्त संदेश गया है। यह मामला डिजिटल वित्तीय लेनदेन में सावधानी बरतने और सतर्क रहने की आवश्यकता को भी दर्शाता है।



