...

भारत को मिला नया मुख्य न्यायाधीश: जस्टिस सूर्यकांत ने ली CJI पद की शपथ

Justice SuryaKant

नयी दिल्ली: भारत के न्यायिक इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया, जब जस्टिस सूर्यकांत ने देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित इस विशेष समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सुप्रीम कोर्ट के जज, कई वरिष्ठ नेता और न्यायपालिका से जुड़े दिग्गज मौजूद थे।

CJI गवई का कार्यकाल समाप्त, अब जस्टिस सूर्यकांत के हाथों में सर्वोच्च जिम्मेदारी
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस भूषण आर गवई की जगह ले रहे हैं, जिनका कार्यकाल 65 वर्ष की उम्र पूरी होने पर समाप्त हुआ।
सुप्रीम कोर्ट में यह परंपरा है कि सबसे वरिष्ठ जज को नया CJI नियुक्त किया जाता है, और जस्टिस सूर्यकांत उसी क्रम में वरिष्ठता के आधार पर इस पद के योग्य घोषित हुए। वे करीब 14 महीने तक देश के शीर्ष न्यायिक पद पर रहेंगे और उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 को समाप्त होगा।

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत? जानें उनके सफर की पूरी कहानी
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा में हुआ था। उनकी कानूनी यात्रा की शुरुआत 1984 में हिसार कोर्ट से हुई। इसके बाद वे चंडीगढ़ स्थानांतरित हुए और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। अपने शुरुआती करियर में ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण संवैधानिक, सिविल और सेवा संबंधी मामलों में अपनी पहचान स्थापित की।

कैरियर की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • 2000: हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने
  • 2001: सीनियर एडवोकेट का दर्जा
  • 2004: पंजाब–हरियाणा हाईकोर्ट के स्थाई जज
  • 2018: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
  • 2019: सुप्रीम कोर्ट के जज
  • 2025: भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त
whatsapp channel

Maa RamPyari Hospital

Telegram channel

उनका अब तक का सफर भारतीय न्यायपालिका के भीतर एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कहानी माना जाता है।

The-habitat-final-ad-scaled.jpg
the-habitat-ad

जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व से क्या उम्मीदें?
भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ होंगी — मामलों का बढ़ता बोझ, न्यायिक सुधारों की दिशा, डिजिटल न्याय प्रणाली की मजबूती और नागरिक स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दों पर स्पष्ट दृष्टि। कानूनी विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि उनका अनुभव न्यायपालिका में नई गति और पारदर्शिता लाएगा।

जस्टिस सूर्यकांत का CJI के रूप में चयन न केवल वरिष्ठता की परंपरा का सम्मान है, बल्कि यह भारतीय न्यायपालिका में उनकी मजबूत पकड़, न्यायिक सोच और लंबे अनुभव की भी पुष्टि करता है। उनका 14 महीने का कार्यकाल देश की न्याय प्रणाली के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *