लातेहार में बड़ी सफलता: जेजेएमपी के दो एरिया कमांडर गिरफ्तार, संगठन की कमर टूटी – पुलिस ने बताया पूरा ऑपरेशन
लातेहार: लातेहार पुलिस ने उग्रवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले में सक्रिय प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) को भारी झटका देते हुए पुलिस ने इसके दो प्रमुख एरिया कमांडर को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार उग्रवादियों में दो लाख का इनामी सुनील उरांव उर्फ सुनील उर्फ मंटू, और उसके साथ मुकेश लोहरा शामिल हैं। दोनों लंबे समय से जिले में संगठन को दोबारा सक्रिय करने की कोशिश में लगे हुए थे।
गुप्त सूचना पर पुलिस की विशेष कार्रवाई
लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव को कुछ दिनों पहले गुप्त सूचना मिली थी कि पप्पू लोहरा के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद जेजेएमपी के बचे हुए सदस्य संगठन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं। इनपुट मिला था कि सुनील उरांव और मुकेश लोहरा मनिका और लातेहार इलाके में हथियारबंद कैडर जुटाने और रंगदारी वसूली की नई रणनीति तैयार करने में लगे हैं। इस सूचना के बाद पुलिस ने बिना समय गंवाए विशेष छापेमारी दल गठित किया।
एसडीपीओ के नेतृत्व में ऑपरेशन, 12 घंटे में दोनों धराए
लातेहार एसडीपीओ अरविंद कुमार के नेतृत्व में लातेहार और मनिका थाना की संयुक्त पुलिस टीम ने मंगलवार देर रात से अभियान शुरू किया। टीम ने घने जंगलों, घाटियों और संभावित ठिकानों में सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस को देर रात दोनों उग्रवादियों की लोकेशन होने का इनपुट मिला और सुबह होते-होते उन्हें घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के समय दोनों उग्रवादियों के पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और हथियार संचालन से जुड़ी जानकारी बरामद हुई है। पुलिस दोनों से संगठन की फंडिंग, हथियार आपूर्ति नेटवर्क और अन्य सहयोगियों के बारे में पूछताछ कर रही है।
जेजेएमपी अब बिखराव की कगार पर
एसपी कुमार गौरव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछले कुछ महीनों में पुलिस ने लगातार अभियान चलाकर जेजेएमपी की कमर तोड़ दी है। एरिया कमांडर पप्पू लोहरा के मारे जाने के बाद संगठन नेतृत्वविहीन हो गया था।
उन्होंने कहा—
“पुलिस की कार्रवाई के बाद जेजेएमपी की सक्रियता बेहद सीमित रह गई है। अब इनके पास 4-5 से ज्यादा सदस्य नहीं बचे हैं, और संगठन पूरी तरह बिखराव की स्थिति में है।”
एसपी ने स्पष्ट किया कि उग्रवादियों पर लगातार दबाव बनाए रखा जाएगा और उनकी शेष टीम को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
सुनील उरांव पर कई गंभीर मामले, दो लाख का इनाम भी घोषित
गिरफ्तार उग्रवादी सुनील उरांव उर्फ मंटू पर हत्या, फिरौती, आगजनी और पुलिस पर हमले सहित कई गंभीर मामले पहले से दर्ज हैं। राज्य सरकार ने उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। लंबे समय से वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर था और इलाके में उसकी दहशत बनी हुई थी। मुकेश लोहरा भी कई घटनाओं में शामिल रहा है और संगठन के लिए सक्रिय रूप से काम करता था।
संगठन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे दोनों
पुलिस सूत्र बताते हैं कि पप्पू लोहरा के मारे जाने के बाद दोनों उग्रवादी जेजेएमपी को नया चेहरा देने की कोशिश में लगे थे। इसके लिए वे विभिन्न गांवों में जाकर युवाओं को लुभाने और आर्थिक समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस को उनकी गतिविधियों की जानकारी लगातार मिल रही थी, जिसके बाद यह बड़ी कार्रवाई संभव हो सकी।
उग्रवाद मुक्त करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि
लातेहार, गढ़वा, पलामू और मनिका के कई इलाकों में कभी जेजेएमपी और अन्य उग्रवादी संगठनों का बड़ा असर था। लेकिन पिछले दो वर्षों में पुलिस की लगातार और तेज कार्रवाई के चलते इन संगठनों की पकड़ ढीली पड़ गई है। गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। ग्रामीणों का कहना है कि इन उग्रवादियों की वजह से इलाके में हमेशा भय और असुरक्षा का माहौल रहता था, लेकिन अब शांति बहाल होने की उम्मीद बढ़ गई है।
पुलिस का संदेश: उग्रवाद के खिलाफ अभियान चलता रहेगा
एसपी कुमार गौरव ने साफ किया कि उग्रवाद पूरी तरह खत्म होने तक पुलिस अपना अभियान जारी रखेगी। जो भी संगठन में सक्रिय हैं या मदद कर रहे हैं, उनसे आत्मसमर्पण करने या कानून का सामना करने की चेतावनी दी गई है।



