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नेमरा में उमड़ा जनसैलाब, देश की हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

शिबू सोरेन संस्कार भोज

नेमरा, रामगढ़: रामगढ़ जिले के नेमरा गांव ने आज एक ऐतिहासिक दृश्य देखा। शिबू सोरेन संस्कार भोज में दिशोम गुरु, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन के संस्कार भोज में हजारों लोगों के साथ-साथ देश की कई नामी-गिरामी हस्तियां पहुंचीं। गांव की गलियों से लेकर भोज स्थल तक लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। उन्होंने गुरुजी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और हेमंत सोरेन परिवार से मुलाकात की। राजनाथ सिंह ने कहा – “शिबू सोरेन जी का सहज और सरल व्यक्तित्व हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने आदिवासी समाज और वंचित वर्गों के लिए जो संघर्ष किया, वह भारतीय राजनीति में अमिट रहेगा।”

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रेवंत रेड्डी ने जताई संवेदना
संस्कार भोज में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी विशेष रूप से शामिल हुए। उन्होंने गुरुजी को श्रद्धांजलि दी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं उनके परिवार से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की। रेड्डी ने कहा कि शिबू सोरेन का राजनीतिक जीवन संघर्ष और सेवा का प्रतीक रहा है।

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उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में गुरुजी का योगदान ऐतिहासिक है। उनके आदर्श आने वाले समय में जननायकों के लिए दिशा दिखाते रहेंगे।

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बाबा रामदेव ने दी श्रद्धांजलि
इसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव भी संस्कार भोज में पहुंचे। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा – “गुरुजी ने अपना जीवन समाज के अंतिम व्यक्ति की भलाई के लिए समर्पित किया। उनका त्याग, संघर्ष और सादगी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि आदिवासी समाज और गरीबों की आवाज थे।”

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बाबा रामदेव ने कहा कि शिबू सोरेन जैसे नेता राजनीति में दुर्लभ होते हैं, जिन्होंने व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर जनता की सेवा को ही धर्म माना।

श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग
गांव के लोग, राजनीतिक कार्यकर्ता, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और गुरुजी के प्रशंसक बड़ी संख्या में संस्कार भोज में शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर गुरुजी की तस्वीर के समक्ष लोगों का आना-जाना लगातार जारी रहा।

लोगों ने न सिर्फ उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया बल्कि उनके संघर्षपूर्ण जीवन को याद किया। महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों की भारी उपस्थिति ने यह दिखाया कि गुरुजी वास्तव में जननायक थे, जिन्होंने झारखंड की अस्मिता और पहचान को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित किया।

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हेमंत सोरेन परिवार के प्रति संवेदना
संस्कार भोज में आए सभी नेताओं और अतिथियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, भाई बसंत सोरेन और अन्य परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। पूरे परिवार को इस कठिन समय में ढांढस बंधाते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि गुरुजी की विरासत और उनके सपनों को आगे बढ़ाने में देश और राज्य उनके साथ खड़ा है।

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गुरुजी की विरासत
दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन झारखंड के आदिवासी समाज, किसानों और मजदूरों की आवाज रहा है। उन्होंने झारखंड आंदोलन की लड़ाई लड़ी और अलग राज्य के सपने को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाई।

उनकी सादगी, संघर्ष और जनसेवा की भावना ने उन्हें सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी विशिष्ट स्थान दिलाया। संस्कार भोज में उमड़ी भीड़ ने इस बात को साबित किया कि गुरुजी की यादें सदैव अमर रहेंगी।

रामगढ़ के नेमरा गांव में आयोजित संस्कार भोज ने एक बार फिर साबित कर दिया कि शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के मसीहा और जननायक थे। राजनाथ सिंह, रेवंत रेड्डी और बाबा रामदेव जैसे राष्ट्रीय स्तर की हस्तियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी ऐतिहासिक बना दिया।

गुरुजी के लिए उमड़ा यह सैलाब आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देता है कि सच्चे जननेता कभी नहीं मरते, उनकी विचारधारा और संघर्ष हमेशा जीवित रहते हैं।

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