एयरटेल का साइबर सुरक्षा कवच: झारखंड-बिहार में 61 लाख यूज़र्स को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाया, बिना ऐप इंस्टॉल किए

AI साइबर सुरक्षा एयरटेल

रांची/पटना | 20 जून 2025:
देश की अग्रणी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने झारखंड और बिहार में डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी ने अपनी अत्याधुनिक AI-सक्षम साइबर सुरक्षा प्रणाली के जरिए महज 37 दिनों में 61 लाख से अधिक ग्राहकों को रियल टाइम में ऑनलाइन फ्रॉड से सुरक्षित किया है।

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एयरटेल की यह तकनीक बिना किसी ऐप इंस्टॉल किए, मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए बैकग्राउंड में स्वतः सक्रिय रहती है। यह SMS, WhatsApp, Telegram, Facebook, Instagram, ईमेल और ब्राउज़रों पर भेजे गए खतरनाक लिंक को 100 मिलीसेकंड में ब्लॉक कर देती है।

डिजिटल सुरक्षा में एक बड़ी छलांग

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Telegram channel

एयरटेल की यह सेवा एक “डिजिटल सुरक्षा कवच” की तरह काम करती है जो इंटरनेट पर किसी भी संदेहास्पद लिंक, फिशिंग मैसेज या मालवेयर हमलों को ब्लॉक कर देती है।

एयरटेल बिहार-झारखंड के सीईओ सुजय चक्रवर्ती ने कहा:

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“हमें गर्व है कि एयरटेल का यह AI-सक्षम समाधान आज परिवारों, बुज़ुर्गों, छात्रों और गृहणियों की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है। हमारी तकनीक हर प्लेटफ़ॉर्म पर, हर सेकंड आपकी ऑनलाइन सुरक्षा का ध्यान रखती है।”

झारखंड-बिहार: डिजिटल विकास के साथ बढ़ती फ्रॉड घटनाएं

झारखंड देश के सबसे तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ते राज्यों में है, लेकिन साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं।

रांची, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर, हजारीबाग, गिरिडीह, पाकुड़ जैसे शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में फेक SMS, बैंक अलर्ट, डिलीवरी मैसेज और UPI धोखाधड़ी सबसे आम हथियार बन चुके हैं।

इस परिस्थिति में एयरटेल की यह पहल झारखंड के हर वर्ग – ग्रामीण से लेकर शहरी और बुज़ुर्ग से लेकर छात्र तक के लिए एक भरोसेमंद डिजिटल सुरक्षा कवच बन गई है।

देशभर में अब तक की सफलता:

•1.88 लाख खतरनाक लिंक्स को ब्लॉक किया गया

•8.6 करोड़ यूज़र्स को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाया गया

•रोज़ाना 1 अरब से अधिक लिंक स्कैन किए जा रहे हैं

•100 मिलीसेकंड में रियल टाइम ब्लॉकिंग तकनीक

•यूज़र को कुछ भी इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं — यह तकनीक ऑटोमैटिकली काम करती है

कैसे काम करता है एयरटेल का AI-सक्षम सुरक्षा सिस्टम?

•रीयल टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस का उपयोग

•AI द्वारा ऑटोमैटिक लिंक स्कैनिंग और फ़िल्टरिंग

•कोई भी फिशिंग लिंक या मालवेयर साइट तुरंत ब्लॉक

•यूज़र को कोई एक्स्ट्रा स्टेप नहीं करना होता – यह तकनीक ऑटोमैटिक है

आम जनता की राय:

👨‍💼 धनबाद के IT प्रोफेशनल, विवेक कुमार:

“मैं अक्सर ऑनलाइन बैंकिंग करता हूं। एयरटेल की इस सुरक्षा सेवा ने मेरी टेंशन काफी कम कर दी है।”

गिरिडीह की गृहिणी, नीलिमा देवी:

“पहले कई बार फेक डिलीवरी लिंक से डरती थी, अब मन में एक भरोसा है कि फोन इस्तेमाल करते समय कोई धोखा नहीं होगा।”

झारखंड जैसे राज्य में, जहां डिजिटल ट्रांजेक्शन और ऑनलाइन सेवाओं की गति तेज़ हो रही है, वहां एयरटेल का यह AI-सक्षम समाधान एक साइलेंट गार्डियन बनकर काम कर रहा है। यह पहल न केवल तकनीकी रूप से सशक्त है, बल्कि साइबर जागरूकता और डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

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